Asthama problem :- दमे का रोग बिना दवाई के ठीक करें

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Asthama problem :- दमे का रोग बिना दवाई के ठीक करें

 

जन्म कुंडली मे गुरु ग्रह के बिगड़ जाने से राहू और बुध ग्रह अपना अच्छा असर देना बंद कर देते हैं और शरीर मे कोई न कोई बीमारी हमेशा चलने लगती है, आज कल छोटे छोटे बच्चों को बड़े बुजुर्गों वाली बीमारियाँ लाग्ने लग गई हैं यहाँ हम आज ऐसी ही एक बीमारी के बारे मे बात करेंगे इस बीमारी का नाम है दमा का रोग, यह रोग सांस से संबन्धित बड़ी बीमारी है,

 

Asthama problems मे जातक की सांस बहुत तेज उखड़ने लगती है, और सांस रुक रुक कर आती है, इसके लक्षण के बारे मे ज्यादा जानने से बेहतर है कि घर मे और अपने आस पास ऐसा माहौल ही ना बनने दें, घर की पश्चिम दिशा, साउथ-वेस्ट तथा नॉर्थ-वेस्ट दिशा को सबसे पहले ठीक रखें और इस बीमारी को होने से बचाने के लिए पूर्व दिशा भी अपना बहुत बड़ा योगदान देती है, वास्तु-शास्त्र मे पूर्व दिशा को हवा की दिशा कहा है, इस दिशा को जितना साफ और मेनेज़ रखेंगे उतना ही जल्दी बेहतर इलाज के रास्ते मिलेंगे और जीवन को आगे बढ़ाने मे मदद मिलेगी, और साउथ-वेस्ट को नैऋत्य कोण कहा जाता है यह पित्रों की दिशा है और पश्चिम दिशा लाभ की है और नॉर्थ-वेस्ट किसी भी प्रकार से किसी की भी मदद पाने की दिशा है, यदि आपको दवाई की मदद से ठीक होना है तो आप इस दिशा मे दवाई रख दीजिये हमेशा दवाई के सहारे ही चलेंगे और वेस्ट मे रखेंगे तो भी तकलीफ रहेगी, साउथ-वेस्ट या पूर्व मे रख देंगे तो भी बीमारी ठीक नहीं होगी, इसीलिए दवाई को स्वास्थ्य की दिशा मे रखें और इन दिशाओं को बैलेन्स करें साथ ही साथ एक कारगर प्रयास रोजाना अवश्य करें वो ये है कि जिस नाक श्वास से सांस ले रहे हों,asthama problem

 

उसे रोककर दूसरी नाक से श्वास लेना जारी रखे इससे फेफड़े खुलने लगते हैं और ऐसा रोजाना सुबह सुबह 10 से 15 मिनट रोजाना करें इतना मात्र करते ही आप एक महीने मे पूरी तरह से बिना किसी दवाई के ठीक होने लगेंगे लेकिन यह कार्य हमेशा किसी के साथ रहते हुये और किसी अनुभवी डॉक्टर की सलाह के बाद ही करें और अपनी जन्म कुंडली मे ग्रहों की जांच भी करवा लें कहीं बीमारी कोई और हो और आप इलाज किसी और चीज का करें लगें asthama problem